सरकारी कर्मचारियों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। बिहार सरकार ने अब एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला लिया है जिससे लाखों कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद भी आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। अब बोर्ड, निगम और सोसाइटी में काम करने वाले कर्मचारियों को 60 वर्ष की उम्र के बाद भी वेतन प्राप्त होता रहेगा। यह फैसला उस समय लिया गया जब विभिन्न विभागों ने कर्मचारी आयु सीमा को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश मांगे थे। वित्त विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, अब कर्मचारी अधिकतम 70 वर्ष की आयु तक संविदा पर काम कर सकेंगे, बशर्ते कि संविदा शुरू करते समय उनकी उम्र 65 साल से कम हो।
70 वर्ष तक संविदा पर सेवा देने का मिलेगा अवसर
बिहार सरकार के इस फैसले के तहत अब बोर्ड, निगम और सोसाइटी जैसे संगठनों में स्वीकृत पदों पर कार्यरत कर्मचारी 70 वर्ष तक संविदा पर कार्य कर सकते हैं। इससे पहले, कर्मचारियों की सेवा अवधि को लेकर उम्र सीमा की कई बार अड़चनें आई थीं, लेकिन इस नए आदेश से वह बाधा भी समाप्त हो गई है। सरकार का मानना है कि अनुभवी कर्मचारियों की सेवाएं विभागीय गुणवत्ता को बेहतर बनाएंगी, और साथ ही युवाओं को प्रशिक्षित करने में भी मददगार होंगी।
रिटायरमेंट की चिंता खत्म, पेंशन में मिलेगा बड़ा लाभ
वित्त विभाग की नई नीति के अनुसार, अब उन कर्मचारियों को भी राहत मिलेगी जो रिटायरमेंट के करीब हैं या हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं। सरकार की यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत, यदि कोई कर्मचारी 25 साल की नियमित सेवा पूरी करता है तो उसे अंतिम 12 महीनों के औसत वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। वहीं जिनकी सेवा 10 साल से कम की है, उन्हें भी अनुपातिक पेंशन दी जाएगी। इसके साथ ही, किसी कर्मचारी की मृत्यु के उपरांत उनके परिवार को 60% राशि पारिवारिक पेंशन के तौर पर प्रदान की जाएगी, जो न्यूनतम ₹10,000 प्रति माह निर्धारित की गई है।
कैच-अप कंट्रीब्यूशन से मिलेगा रिटायरमेंट फंड को मजबूती
सरकारी कर्मचारी जो 60 से 63 वर्ष की आयु में हैं, उनके लिए “कैच-अप कंट्रीब्यूशन” की सुविधा दी गई है जिससे वे अपने रिटायरमेंट फंड को और अधिक सुदृढ़ बना सकते हैं। इस श्रेणी के कर्मचारियों के लिए कंट्रीब्यूशन की सीमा ₹11,250 तक रखी गई है, जबकि 64 वर्ष और उससे अधिक आयु वाले कर्मचारियों के लिए यह सीमा ₹7,500 तय की गई है। यह व्यवस्था विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए लाभकारी होगी जो रिटायरमेंट से पहले अधिक बचत करना चाहते हैं और एक बड़ा रिटायरमेंट फंड तैयार करने की योजना बना रहे हैं।
निर्णय से बढ़ेगी सेवा सुरक्षा और कर्मचारियों का मनोबल
बिहार सरकार के इस फैसले से न सिर्फ लाखों कर्मचारियों को राहत मिलेगी, बल्कि यह कदम उनकी सेवा सुरक्षा और सामाजिक सम्मान को भी मजबूत करेगा। रिटायरमेंट के बाद आय का सुनिश्चित स्रोत मिलने से कर्मचारी निश्चिंत होकर काम कर सकेंगे और उनके अनुभव का लाभ सरकारी प्रणाली को भी मिलेगा। यह नीतिगत बदलाव आने वाले वर्षों में एक उदाहरण बन सकता है जिसे अन्य राज्य सरकारें भी अपनाने की दिशा में विचार कर सकती हैं।